Not known Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Not known Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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स्वप्न वाराही मंत्र
वशीकरण मंत्र एक विवादित विषय है। कुछ लोग इसे वैदिक संस्कृति का हिस्सा मानते हैं और इसका उपयोग पूर्वजों के द्वारा प्रमाणित किया गया है। वे इसे शक्तिशाली और उपयोगी मानते हैं। दूसरे लोग इसे अज्ञान और अधार्मिकता का प्रतीक मानते हैं और इसका उपयोग नकारात्मक परिणामों को पैदा कर सकता है।
वशीकरण मंत्र: मानवीय संबंधों पर प्रभाव
विधि: मंगलवार के दिन सबेरे हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। फिर उपर्युक्त मन्त्र को सवा लाख जपकर सिद्ध करें। इसके पश्चात् मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाकर वहाँ से इसी मन्त्र का जप करते हुए इच्छित स्त्री या पुरुष के पास जाएं। इस क्रिया से वह आपके वश में हो जाएगा/हो जाएगी। अमुक के स्थान पर उसका नाम अवश्य लें। (और पढ़ें; हनुमान सिद्ध शाबर मंत्र
कामाख्या वशीकरण मंत्र के प्रयोग की प्रक्रिया में विशेष ध्यान देना चाहिए। यह मंत्र किसी भी शक्तिशाली व्यक्ति या तंत्रिक आचार्य के मार्गदर्शन और अनुशासन में ही किया जाना चाहिए। यदि इसे गलत तरीके से प्रयोग किया जाता है, तो यह नकारात्मक प्रभाव भी दे सकता है।
इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
किसी तरह के दरुपयोग के लिए इसका प्रयोग न करे वर्ना आपके फल नष्ट होंगे.
माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।
विधिः एक छोटी इलायची पर इस मन्त्र का दल माला जप करें और इस अभिमन्त्रित इलायची को अभीष्ट स्त्री को खिला दें। इससे उसका वशीकरण हो जाएगा। फिर वह आपकी हरेक बात मानने को बाध्य click here होगी। मन्त्र में अमुकी की जगह उस स्त्री का नाम बोलना आवश्यक है।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं करु करु स्वाहा॥
कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए.
ॐ नमो आदेश गुरु को राजा मोहूं प्रजा मोहूं मोहूं ब्राह्मण बनियां हनुमंत रूप में जगत मोहूं तो रामचन्द्र परमानियां गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-
दूसरी लौंग दिखाए छाती, रूठे को मना लाए, बैठे को उठा लाए